ऑस्ट्रेलिया की जितनी आबादी है उतने लोग हमारे यहाँ रेल में सफर करते है रोज़ और हमारे मंत्री सिर्फ इसी में लगे रहते है की कौन सी ट्रैन किसके विधान सभा क्षेत्र में रुके ! सिर्फ ट्रैन में बैठने वाला ही असुरक्षित नही है...ट्रैन से उतरने के बाद भी लोग असुरक्षित हो गए हैं ! शिव सेना संसद अरविन्द सावंत की मने तो उन्होंने ५ बार रेल मंत्री को पत्र लिखा था पुल की चौड़ाई बढ़ाने ! सर्कार की सुरक्षा प्रावधान को देखा जाये तो यह लगता है की आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है ,बहुत बारिश है, घर पर रहा तो नौकरी जाएगी..सड़क पर निकला तो डूब जाएगा, लोकल से गया तो फुटऑवर ब्रिज पर दम घुट जाएगा ! मंत्री पियूष गोयल अब कैपेसिटी ऑडिट और निरिक्षण की बात कर रहे है ! क्या २२ लोगो की मौत के बाद मंत्री जी का विवेक आएगा ?
ऑस्ट्रेलिया की जितनी आबादी है उतने लोग हमारे यहाँ रेल में सफर करते है रोज़ और हमारे मंत्री सिर्फ इसी में लगे रहते है की कौन सी ट्रैन किसके विधान सभा क्षेत्र में रुके ! सिर्फ ट्रैन में बैठने वाला ही असुरक्षित नही है...ट्रैन से उतरने के बाद भी लोग असुरक्षित हो गए हैं ! शिव सेना संसद अरविन्द सावंत की मने तो उन्होंने ५ बार रेल मंत्री को पत्र लिखा था पुल की चौड़ाई बढ़ाने ! सर्कार की सुरक्षा प्रावधान को देखा जाये तो यह लगता है की आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है ,बहुत बारिश है, घर पर रहा तो नौकरी जाएगी..सड़क पर निकला तो डूब जाएगा, लोकल से गया तो फुटऑवर ब्रिज पर दम घुट जाएगा ! मंत्री पियूष गोयल अब कैपेसिटी ऑडिट और निरिक्षण की बात कर रहे है ! क्या २२ लोगो की मौत के बाद मंत्री जी का विवेक आएगा ?
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