बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता-निदेशक अमोल पालेकर को शुक्रवार शाम को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) के कुछ सदस्यों की ओर से लगातार भाषण के दौरान बाधा डाली गई। इसके चलते वह अपना पूरा भाषण नहीं दे पाए। दरअसल, पालेकर कलाकार प्रभाकर बारवे की याद में आयोजित ‘इनसाइड द इंपटी बॉक्स’ प्रदर्शनी में बोल रहे थे। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में दिख रहा है कि वह एनजीएमए के मुंबई और बंगलूरू केंद्रों की एडवाइजरी समिति को कथित तौर पर खत्म करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे हैं। मंच पर मौजूद एनजीएमए के एक सदस्य ने इसका विरोध किया और कहा कि उन्हें कार्यक्रम के बारे में बात करनी चाहिए। इस पर पालेकर ने कहा कि वह उसी बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या आप सेंसरशिप लगा रहे हैं। इसके बाद फिर वह मंत्रालय की आलोचना करने लगे।
इस पर एनजीएमए की मुंबई केंद्र निदेशक अनिता रूपावतरम ने ने विरोध किया और कहा कि यह कार्यक्रम प्रभाकर बारवे के बारे में हैं और आप उन्हीं पर बात करें। हालांकि पालेकर ने रुकने से मना कर दिया।
हालांकि पालेकर ने अपनी बात नहीं रोकी और बोलना जारी रखा. उन्होंने कहा, "जहां तक उन्हें जानकारी है, स्थानीय कलाकारों की सलाहकार समितियों के भंग किए जाने के बाद दिल्ली में सांस्कृतिक मंत्रालय ये तय करेगा कि किस कलाकर की कला का प्रदर्शन किया जाए और किसका नहीं."
पालेकर ने कहा, "ये जो सेंसरशिप है, जो हमने अभी यहीं देखी. कहा जा रहा है कि ये मत बोलो, वो मत बोलो, ये मत खाओ, वो मत खाओ."
"मैं सिर्फ़ ये कह रहा हूं कि एनजीएमए, जो कि कला की अभिव्यक्ति और विविध कला को देखने का पवित्र स्थल है, उस पर ये नियंत्रण, जैसा कि किसी ने हाल ही में कहा है, मानवता के ख़िलाफ़ जो युद्ध चल रहा है उसकी सबसे ताज़ा त्रासदी है."
"मैं इससे बहुत परेशान हूं, और अब तो और ज़्यादा परेशान हूं. ये सब कहां जाकर रुकेगा. आज़ादी का ये सागर सिमट रहा है, धीरे-धीरे लेकिन लगातार... हम इसे लेकर ख़ामोश क्यों हैं?? और भी आश्चर्यजनक ये है कि जिन लोगों को इस इकतरफ़ा आदेश के बारे में पता है वो न इसके बारे में खुलकर बात करते हैं, न इस पर सवाल करते हैं और न ही इसका विरोध करते हैं."
हालांकि बार-बार टोके जाने के बावजूद पालेकर बोलते रहे. उन्होंने कहा कि हाल ही में अभिनेत्री नयनतारा सहगल को एक मराठी साहित्य सम्मेलन में आने से अंतिम समय पर मना कर दिया गया था क्योंकि वो जो बोलने वाली थीं वो आज जिस परिस्थिति में हम रह रहे हैं उसकी आलोचना में था. पालेकर ने कहा कि क्या हम यहां भी ऐसी ही परिस्थिति बना रहे हैं.
Why does the BJP want to police people’s thoughts and opinions and control what they eat, wear, say and do?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 10, 2019
They want to make India monochrome and colorless. Telling Mr. Palekar to stop speaking shows the nervousness of the govt.
Lets say #NeverAgain to #GolmaalBJP pic.twitter.com/JKEB7lSZqi
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