क्या प्रधानमंत्री को पत्र लिखना देशद्रोह है ?




देश में लगातार बढ़ती जा रही मॉब लिंचिंग ( Mob Lynching ) से आहत 49  हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में भीड़ द्वारा हिंसक घटनाओं को अंजाम देने पर चिंता जताई गई है। इसके साथ ही इन हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की है।

पत्र में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भी दिखाए गए—
  • 1 जनवरी 2009 से लेकर 29 अक्टूबर 2018 के बीच 254 अपराध दर्ज
  • इस दौरान 91 लोगों की हत्या हुई और 579 लोग घायल हुए
  • देश की आबादी के 14 प्रतिशत मुसलमान 62 प्रतिशत अपराधों कर शिकार
  • कुल आबादी के 2 फीसदी क्रिश्चयन, 14 प्रतिशत अपराध के शिकार
  • देश में 90 प्रतिशत अपराध मई 2014 के बाद हुए

अदालत ने कहा था की केंद्र और राज्य सरकारों को रेडियो, अख़बार और टीवी पर Mob Lynching कानून का प्रचार प्रसार करना जरूरी है ! सोशल मीडिया से भी ऐसे पोस्ट हटाए जाए जो मोब लिंचिंग को भड़काते है !मगर आप में से कितने लोगों ने सरकार को इस कानून का प्रचार प्रसार करते देखा है ?

भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए Supreme Court ने  राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों को  कानून के प्रावधानों के तहत रोकने के  निर्देश दिए थे !

अब इसी सन्दर्भ में जिन ४९ लोगो ने प्रधान मंत्री को मोब लिंचिंग के खिलाफ पत्र लिखा उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है !

49 हस्तियों में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, अभिनेता कोंकणा सेन शर्मा और फिल्म निर्माता मणिरत्नम और अपर्णा सेन शामिल थे। जुलाई में मोदी को लिखे अपने पत्र में, उन्होंने दावा किया था कि "जय श्री राम" का नारा "भड़काऊ " बन गया है और   लिंचिंग का कारण भी । अब इन लोगो पर “देश की छवि” को धूमिल करने  का आरोप लगाया गया है।


क्या ४९ लोग पत्र लिखकर क्या धार्मिक आस्था भड़का रहे थे ? पत्र लिकने वाले अपने आप को शांति का समर्थक बताते है , समाज के प्रतिष्ठित लोग थे , Mob Lynching के खिलाफ  प्रधान मंत्री से गुहार लगाना क्या देशद्रोह है ?

इसी संदर्भ में लोगों की प्रक्रिया से भी आपको वाकिफ करना ज़रूरी है

अभी अभी जाने माने पत्रकार अशोक जैन ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है - बा-मुलाहिज़ा बा-अद़ब.. होशियार मॉब लिंचिंग पर प्रधानमंत्री मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज.आप सोशल मीडिया पर "क़श्मीर" की पीड़ा लिखे.. तो आपका अकाउंट सस्पेंड हो सकता है राफेल पर सवाल, रेप पर बवाल, नौकरी की खोजबीन और सरकार पर ऊंगली.. आपको जेल भी भेज सकती है !

मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर मोहन भागवत ने कहा कि इससे संघ का कोई लेनादेना नहीं है. मॉब लिंचिंग पर कड़े कानून बनाए जाने चाहिए.