पाकिस्तान राजनीतिक सर्कस: लोकतंत्र का 'तमाशा' बना दिया ?

 संसद द्वारा पीएम इमरान खान के  खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद पाकिस्तान के उन्होंने   नए चुनाव की मांग की है 




पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सत्र को खारिज करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव असंवैधानिक है। इस कदम के बाद, खान ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति से नेशनल असेंबली को भंग करने और नए चुनावों की घोषणा करने की सिफारिश की है।


इमरान खान सोच  रहे होंगे की  उन्होंने सदन को भंग करके और चुनाव का आह्वान करके एक राजनीतिक गुगली की है,  निर्वासित (पीएमएल-एन) के संस्थापक नवाज शरीफ  भी यही चाह  रहे थे  ! 


शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी सहित विपक्षी नेताओं ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया और स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की भी घोषणा की। विधानसभा पहले ही भंग होने के साथ, चुनाव तीन महीने के भीतर होने हैं।


पाकिस्तान विधानसभा में 25 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी  ! नियमों के अनुसार, केवल राष्ट्रपति और अध्यक्ष ही विधानसभा को बुला सकते हैं।

 डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया, इसे संविधान के अनुच्छेद 5 का विरोधाभास बताया, जिसमें कहा गया था कि राज्य के प्रति वफादारी हर नागरिक का मूल अधिकार है।

पाकिस्तान की सेना, जो देश की राजनीति में में हमेशा दखल देती आयी है  उन्होंने  इस पूरी घटना में  शामिल होने से इनकार किया। सेना के जनसंपर्क विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एजेंसी को बताया, "सेना का राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।"

क्या इस कैबिनेट सेक्रेट्रीयेट के इस प्रस्ताव के बाद भी इमरान खान पाकिस्तान के मुख्य मंत्री है ? 



मेरी कार्रवाई ने विपक्ष को चौंका दिया है। अगर मैंने इस आश्चर्य के बारे में खुलासा किया होता, तो वे आज इतने परेशान नहीं होते, पाक पीएम इमरान खान ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग करने के बाद अपने संबोधन के दौरान "विदेशी साजिश" के दावे को दोहराया, आज

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