बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर उनकी टिप्पणियों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कंगना की बेबाकी और विवादास्पद बयानों के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इस बार उनके बयान ने उनकी पार्टी को भी असहज स्थिति में डाल दिया है।
किसानों के विरोध पर विवादास्पद बयान
कंगना ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि अगर देश में मजबूत नेतृत्व नहीं होता तो "बांग्लादेश जैसी स्थिति" उत्पन्न हो सकती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान चीन और अमेरिका की साजिश शामिल थी। इन बयानों ने न केवल किसानों को नाराज किया बल्कि विपक्षी दलों को भी भाजपा पर हमला करने का मौका दे दिया
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने कंगना के बयानों से खुद को दूर कर लिया है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कंगना को दिल्ली में अपने आवास पर बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा की⁴. यह बैठक लगभग आधे घंटे चली, जिसके बाद नड्डा ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया।
विपक्ष का हमला
कंगना के बयानों पर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने कंगना की टिप्पणियों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कंगना की आलोचना की है⁵.
कंगना की प्रतिक्रिया
कंगना ने अपने बयानों पर माफी नहीं मांगी है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि वह भविष्य में अधिक सावधानी बरतेंगी². कंगना ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहा जो सच न हो
कंगना रनौत की राजनीतिक स्थिति इस समय विवादों से घिरी हुई है। उनके बयानों ने न केवल किसानों को नाराज किया है बल्कि उनकी पार्टी को भी असहज स्थिति में डाल दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना और भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालते हैं और क्या यह विवाद उनके राजनीतिक करियर पर कोई स्थायी प्रभाव डालता है।
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