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नरेंद्र सिंह तोमर की नियुक्ति से भाजपा की राज्य इकाई को सत्ता विरोधी लहर और आंतरिक असंतोष से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद

जुलाई 16, 2023 ・0 comments
नरेंद्र सिंह तोमर की नियुक्ति से भाजपा की राज्य इकाई को सत्ता विरोधी लहर और आंतरिक असंतोष से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है; ग्वालियर से केंद्रीय मंत्री को मप्र का करीबी माना जाता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान हालांकि इससे सिंधिया समर्थकों में नाराजगी है. तीन साल तक भाजपा के सदस्य रहने के बावजूद केंद्रीय मंत्री सिंधिया पार्टी नेतृत्व का विश्वास हासिल करने में विफल रहे। उनकी जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए इसकी राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि भले ही आप प्रभावशाली स्थिति में हों, लेकिन यह भाजपा के प्रति आपकी वफादारी की गारंटी नहीं देता है। भाजपा और संघ का शीर्ष नेतृत्व इस बात को लेकर सशंकित है कि जो व्यक्ति पांच दशक तक कांग्रेस में रहा, वह उसे छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया, उस पर तीन साल के कार्यकाल में कैसे भरोसा किया जा सकता है? एक अन्य सूत्र ने उल्लेख किया कि समिति के संयोजक के रूप में श्री तोमर का चयन किसी चेह
नरेंद्र सिंह तोमर की नियुक्ति से भाजपा की राज्य इकाई को सत्ता विरोधी लहर और आंतरिक असंतोष से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद
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