सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस समेत 7 दलों के 64 नेताओं ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चीफ जस्टिस ने पद का दुरुपयोग किया है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस के खिलाफ 5 आरोप लगाए हैं।
इन दलों के नेताओं ने दस्तखत वाला नोटिस शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को सौंपा। अगर यह नोटिस मंजूर होता है और विपक्ष प्रस्ताव लाने में कामयाब हो जाता है तो देश के इतिहास में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ विधायिका की तरफ से यह ऐसा पहला कदम होगा।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर खुलकर हो रही बयानबाजी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है।कांग्रेस पर महाभियोग को राजनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि यह न्यायाधीश बीएच लोया के मौत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर न्यायपालिका को दबाने के लिए 'बदले की याचिका' है।
उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कहा, "यह (महाभियोग प्रस्ताव) न्यायमूर्ति लोया के मामले में कांग्रेस के फर्जीवाड़े के साबित हो जाने के बाद उसके द्वारा डाली गई बदले की याचिका है।" उन्होंने यह बयान विपक्षी पार्टियों के सदस्यों द्वारा राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपने के बाद दिया।
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