Internet एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल इंटरनेट यूजर्स की संख्या 500 मिलियन के पार पहुंच चुकी है। एक दूसरी रिपोर्ट में ओमिडयार नेटवर्क ने बताया कि देश में एक इंटरनेट यूजर दिन के लगभग 200 मिनट सोशल मीडिया पर बिताता है। जाहिर है कि इंटरनेट जहां कंटेंट क्रिएट और शेयर करने से लेकर सोशल नेटवर्किंग का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर सामने आया है वहीं यह कमाई का जरिया भी बना है। इंटरनेट अब युवाओं के लिए कॅरिअर का एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है जहां आप अपनी पसंद और स्किल्स के मुताबिक काम करके नाम और पैसा दोनों कमा सकते हैं।
यूट्यूब पर वीडियो शेयरिंग, ब्लॉगिंग, पेड राइटिंग, आॅनलाइन मार्केटिंग तो आय हासिल करने के कुछ प्रचलित तरीके हैं ही जिनसे अच्छी कमाई की जा सकती है लेकिन इनके अलावा और भी कई ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं जो आपके लिए इनकम का सोर्स बन सकते हैं। ऐसे में ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि यहां आपकी कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने काम को कितना समय दे रहे हैं और कितनी कोशिश कर रहे हैं। { वेबिनार या ई-ट्यूशन मौजूदा दौर में ऑनलाइन ट्यूटर्सकी मांग तेजी से बढ़ी है। अगर आपकी दिलचस्पी टीचिंग में है तो ई-टीचिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं। ऑनलाइन ट्यूटर बनने के लिए आपको अपने सब्जेक्ट में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी और हर हफ्तेकुछ घंटे देने होंगे। ट्यूटर विस्टा, ई-ट्यूटर, स्मार्टथिंकिंग और ट्यूटर डॉट कॉम कुछ ऐसी वेबसाइट्स हैं जिनसे आप जुड़ सकते हैं। एक बार अच्छेकोच की छवि बना लेने के बाद आप नेट पर संचालित होने वाले वेबिनार या सेमिनार भी कंडक्ट कर सकते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फीस देकर अच्छेवेबिनार्सका हिस्सा बनने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। {प्रमोटर या रीसेलर यदि आप मार्केटिंग और सेलिंग की कला में एक्सपर्ट हैं तो प्रमोटर या रीसेलर के तौर पर आप आॅनलाइन बेहतर कमाई कर सकते हैं। बहुत सी कंपनियां प्रमोटर या रीसेलर को अपनी वेबसाइट या ईबे जैसे एवेन्यूज पर प्रॉडक्ट को प्रमोट करने या बेचने के लिए कमीशन देती हैं। यहां यह जरूरी नहीं है कि प्रॉडक्ट आपका हो। आपको बस कंपनी के साथ एफिलीएटेड प्रोग्राम में साइन अप करना होगा और अपने रेफरल लिंक के तहत उसे बेचना शुरू करना होगा। कमीशन जंक्शन और क्लिक बैंक ऐसी फर्म्स हैं जो आपको प्रॉडक्ट्स का एक बड़ा पूल उपलब्ध करवाती हैं। इनसे जुड़कर आप आॅनलाइन रीसेलिंग की शुरुआत कर सकते हैं। गेट पेड टू यानी जीपीटी साइट्स पर फ्री वेबसाइट्स, न्यूजलेटर्स, गेम्स खेलने और आॅनलाइन सर्वे में हिस्सा लेने के लिए भुगतान किया जाता है। आॅनलाइन आय का यह जरिया उन लोगों के सही है जिनके पास स्किल्स नहीं हैं और जो अतिरिक्त आय कमाना चाहते हैं। आॅनलाइन सर्वे में हिस्सा लेना बहुत ही आसान है, कुछ वैध और पेड सर्वे साइट्स के साथ रजिस्टर करें और सवालों के जवाब दें। यहां आपको शॉपिंग से लेकर पॉलिटिक्स तक के टॉपिक्स से जुड़े सवाल मिलेंगे। आॅनलाइन आय के इस तरीके में आप बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन हां
अपनी पॉकेट मनी जितना जरूर कमा सकते हैं। कॉन्टेस्ट टू विन एक विश्वसनीय जीपीटी वेबसाइट है। गेट पेड टू प्रोग्राम { अगर आप वेब डिजाइनिंग और कोडिंग जानते हैं तो वेब थीम्स डिजाइन करके कमा सकते हैं। टेम्पलेट मॉन्स्टर और थीमफॉरेस्ट जैसी साइट्स पर अपनी डिजाइन्स बेच सकते हैं। { फोटोग्राफी का हुनर है तो फोटोलिया, ड्रीम्सटाइम और शटरस्टॉक जैसी स्टॉक फोटो एजेंसी के माध्यम से अपनी फोटोज को बेचकर कमाई कर सकते हैं। { अगर आप अच्छी इमेजेज डिजाइन करने का शौक रखते हैं तो कैफे प्रेस, लुलु और जैजल जैसी वेबसाइट्स पर टी-शर्ट, हैट, बैग, पोस्टर्स आदि पर प्रिंट होने योग्य इमेजेज अपलोड कर सकते हैं। आपकी इमेज वाले प्रॉडक्ट के सेल होने पर आपको कमीशन दिया जाता है। { वर्चुअल असिस्टेंट के तौर पर आप छोटे बिजनेस के लिए घर बैठे किसी भी तरह के एडमिनिस्ट्रेटिव काम या एक ट्रेडिशनल सेक्रेटरी की तरह अपनी सेवाएं दे सकते हैं। यहां आपकी कमाई आपकी विशेषज्ञता के आधार पर तय होगी। { जगह की कमी के चलते कई कंपनियां कुछ प्रोसेस आउटसोर्सकरती हैं या आॅफिस के बाहर कुछ कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं। यहां आप घर पर इनबाउंड कॉल सेंटर स्थापित कर सकते हैं और एक से ज्यादा कंपनियों के लिए काम कर सकते हैं। { राइटिंग, डिजाइनिंग और कोडिंग जैसा टैंलेंट आपमें नहीं है तो भी आप आॅनलाइन कमा सकते हैं। ऐसी बहुत सी संस्थाएं हैं जो उनके लिए रिसर्चकरने वालों के लिए फंडिंग उपलब्ध करवाती है। हफ्तेके कुछ घंटे अगर आप कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं तो यह तरीका अपना सकते हैं।
प्रमोटर या रीसेलर यदि आप मार्केटिंग और सेलिंग की कला में एक्सपर्ट हैं तो प्रमोटर या रीसेलर के तौर पर आप आॅनलाइन बेहतर कमाई कर सकते हैं। बहुत सी कंपनियां प्रमोटर या रीसेलर को अपनी वेबसाइट या ईबे जैसे एवेन्यूज पर प्रॉडक्ट को प्रमोट करने या बेचने के लिए कमीशन देती हैं। यहां यह जरूरी नहीं है कि प्रॉडक्ट आपका हो। आपको बस कंपनी के साथ एफिलीएटेड प्रोग्राम में साइन अप करना होगा और अपने रेफरल लिंक के तहत उसे बेचना शुरू करना होगा। कमीशन जंक्शन और क्लिक बैंक ऐसी फर्म्स हैं जो आपको प्रॉडक्ट्स का एक बड़ा पूल उपलब्ध करवाती हैं। इनसे जुड़कर आप आॅनलाइन रीसेलिंग की शुरुआत कर सकते हैं।
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अगर आप प्रोग्रामिंग में माहिर हैं और कस्टमर सैटिस्फैक्शन सुनिश्चित करना जानते हैं तो फ्रीलांसिंग एक अच्छा आॅप्शन हो सकता है। ऐसी कई फ्रीलांसिंग और प्रोजेक्ट-ओरिएंटेड वेबसाइट्स हैं जो कंपनियों को प्रोजेक्ट्स को डिस्क्राइब करने में मदद करती हैं। यहां फ्रीलांसर्स और स्मॉल बिजनेस बिड्स, आइडियाज और प्रपोजल्स सामने रखते हैं और खरीदार उनमें से अपनी जरूरत के मुताबिक चुन लेते हैं। इलांस जैसी वेबसाइट प्रोग्रामिंग और राइटिंग से लेकर डेटा एंट्री और डिजाइन तक कवर करती है जबकि रेंट अ कोडर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग पर फोकस करती है।
एडवरटाइजिंग आपकी वेबसाइट या ब्लॉग है तो आप एड के लिए स्पेस बेच सकते हैं और उन विज्ञापनों को मिलने वाले हर क्लिक के जरिए कमाई कर सकते हैं। कमाई का स्तर आपकी वेबसाइट के ट्रैफिक के लेवल पर निर्भर करता है और उससे भी ज्यादा क्लिकथ्रू रेट और कॉस्ट पर क्लिक पर तय होता है। इसके लिए गूगल एडसेंस सबसे लोकप्रिय आॅप्शन है। बिडवर्टाइजर, टेक्स्ट लिंक एड्स, ब्लॉगएड्स, डायरेक्ट बैनर व आरएसएस फीड भी इसके लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
यूट्यूब पर वीडियो शेयरिंग, ब्लॉगिंग, पेड राइटिंग, आॅनलाइन मार्केटिंग तो आय हासिल करने के कुछ प्रचलित तरीके हैं ही जिनसे अच्छी कमाई की जा सकती है लेकिन इनके अलावा और भी कई ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं जो आपके लिए इनकम का सोर्स बन सकते हैं। ऐसे में ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि यहां आपकी कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने काम को कितना समय दे रहे हैं और कितनी कोशिश कर रहे हैं। { वेबिनार या ई-ट्यूशन मौजूदा दौर में ऑनलाइन ट्यूटर्सकी मांग तेजी से बढ़ी है। अगर आपकी दिलचस्पी टीचिंग में है तो ई-टीचिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं। ऑनलाइन ट्यूटर बनने के लिए आपको अपने सब्जेक्ट में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी और हर हफ्तेकुछ घंटे देने होंगे। ट्यूटर विस्टा, ई-ट्यूटर, स्मार्टथिंकिंग और ट्यूटर डॉट कॉम कुछ ऐसी वेबसाइट्स हैं जिनसे आप जुड़ सकते हैं। एक बार अच्छेकोच की छवि बना लेने के बाद आप नेट पर संचालित होने वाले वेबिनार या सेमिनार भी कंडक्ट कर सकते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फीस देकर अच्छेवेबिनार्सका हिस्सा बनने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। {प्रमोटर या रीसेलर यदि आप मार्केटिंग और सेलिंग की कला में एक्सपर्ट हैं तो प्रमोटर या रीसेलर के तौर पर आप आॅनलाइन बेहतर कमाई कर सकते हैं। बहुत सी कंपनियां प्रमोटर या रीसेलर को अपनी वेबसाइट या ईबे जैसे एवेन्यूज पर प्रॉडक्ट को प्रमोट करने या बेचने के लिए कमीशन देती हैं। यहां यह जरूरी नहीं है कि प्रॉडक्ट आपका हो। आपको बस कंपनी के साथ एफिलीएटेड प्रोग्राम में साइन अप करना होगा और अपने रेफरल लिंक के तहत उसे बेचना शुरू करना होगा। कमीशन जंक्शन और क्लिक बैंक ऐसी फर्म्स हैं जो आपको प्रॉडक्ट्स का एक बड़ा पूल उपलब्ध करवाती हैं। इनसे जुड़कर आप आॅनलाइन रीसेलिंग की शुरुआत कर सकते हैं। गेट पेड टू यानी जीपीटी साइट्स पर फ्री वेबसाइट्स, न्यूजलेटर्स, गेम्स खेलने और आॅनलाइन सर्वे में हिस्सा लेने के लिए भुगतान किया जाता है। आॅनलाइन आय का यह जरिया उन लोगों के सही है जिनके पास स्किल्स नहीं हैं और जो अतिरिक्त आय कमाना चाहते हैं। आॅनलाइन सर्वे में हिस्सा लेना बहुत ही आसान है, कुछ वैध और पेड सर्वे साइट्स के साथ रजिस्टर करें और सवालों के जवाब दें। यहां आपको शॉपिंग से लेकर पॉलिटिक्स तक के टॉपिक्स से जुड़े सवाल मिलेंगे। आॅनलाइन आय के इस तरीके में आप बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन हां
अपनी पॉकेट मनी जितना जरूर कमा सकते हैं। कॉन्टेस्ट टू विन एक विश्वसनीय जीपीटी वेबसाइट है। गेट पेड टू प्रोग्राम { अगर आप वेब डिजाइनिंग और कोडिंग जानते हैं तो वेब थीम्स डिजाइन करके कमा सकते हैं। टेम्पलेट मॉन्स्टर और थीमफॉरेस्ट जैसी साइट्स पर अपनी डिजाइन्स बेच सकते हैं। { फोटोग्राफी का हुनर है तो फोटोलिया, ड्रीम्सटाइम और शटरस्टॉक जैसी स्टॉक फोटो एजेंसी के माध्यम से अपनी फोटोज को बेचकर कमाई कर सकते हैं। { अगर आप अच्छी इमेजेज डिजाइन करने का शौक रखते हैं तो कैफे प्रेस, लुलु और जैजल जैसी वेबसाइट्स पर टी-शर्ट, हैट, बैग, पोस्टर्स आदि पर प्रिंट होने योग्य इमेजेज अपलोड कर सकते हैं। आपकी इमेज वाले प्रॉडक्ट के सेल होने पर आपको कमीशन दिया जाता है। { वर्चुअल असिस्टेंट के तौर पर आप छोटे बिजनेस के लिए घर बैठे किसी भी तरह के एडमिनिस्ट्रेटिव काम या एक ट्रेडिशनल सेक्रेटरी की तरह अपनी सेवाएं दे सकते हैं। यहां आपकी कमाई आपकी विशेषज्ञता के आधार पर तय होगी। { जगह की कमी के चलते कई कंपनियां कुछ प्रोसेस आउटसोर्सकरती हैं या आॅफिस के बाहर कुछ कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं। यहां आप घर पर इनबाउंड कॉल सेंटर स्थापित कर सकते हैं और एक से ज्यादा कंपनियों के लिए काम कर सकते हैं। { राइटिंग, डिजाइनिंग और कोडिंग जैसा टैंलेंट आपमें नहीं है तो भी आप आॅनलाइन कमा सकते हैं। ऐसी बहुत सी संस्थाएं हैं जो उनके लिए रिसर्चकरने वालों के लिए फंडिंग उपलब्ध करवाती है। हफ्तेके कुछ घंटे अगर आप कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार हैं तो यह तरीका अपना सकते हैं।
प्रमोटर या रीसेलर यदि आप मार्केटिंग और सेलिंग की कला में एक्सपर्ट हैं तो प्रमोटर या रीसेलर के तौर पर आप आॅनलाइन बेहतर कमाई कर सकते हैं। बहुत सी कंपनियां प्रमोटर या रीसेलर को अपनी वेबसाइट या ईबे जैसे एवेन्यूज पर प्रॉडक्ट को प्रमोट करने या बेचने के लिए कमीशन देती हैं। यहां यह जरूरी नहीं है कि प्रॉडक्ट आपका हो। आपको बस कंपनी के साथ एफिलीएटेड प्रोग्राम में साइन अप करना होगा और अपने रेफरल लिंक के तहत उसे बेचना शुरू करना होगा। कमीशन जंक्शन और क्लिक बैंक ऐसी फर्म्स हैं जो आपको प्रॉडक्ट्स का एक बड़ा पूल उपलब्ध करवाती हैं। इनसे जुड़कर आप आॅनलाइन रीसेलिंग की शुरुआत कर सकते हैं।
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अगर आप प्रोग्रामिंग में माहिर हैं और कस्टमर सैटिस्फैक्शन सुनिश्चित करना जानते हैं तो फ्रीलांसिंग एक अच्छा आॅप्शन हो सकता है। ऐसी कई फ्रीलांसिंग और प्रोजेक्ट-ओरिएंटेड वेबसाइट्स हैं जो कंपनियों को प्रोजेक्ट्स को डिस्क्राइब करने में मदद करती हैं। यहां फ्रीलांसर्स और स्मॉल बिजनेस बिड्स, आइडियाज और प्रपोजल्स सामने रखते हैं और खरीदार उनमें से अपनी जरूरत के मुताबिक चुन लेते हैं। इलांस जैसी वेबसाइट प्रोग्रामिंग और राइटिंग से लेकर डेटा एंट्री और डिजाइन तक कवर करती है जबकि रेंट अ कोडर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग पर फोकस करती है।
एडवरटाइजिंग आपकी वेबसाइट या ब्लॉग है तो आप एड के लिए स्पेस बेच सकते हैं और उन विज्ञापनों को मिलने वाले हर क्लिक के जरिए कमाई कर सकते हैं। कमाई का स्तर आपकी वेबसाइट के ट्रैफिक के लेवल पर निर्भर करता है और उससे भी ज्यादा क्लिकथ्रू रेट और कॉस्ट पर क्लिक पर तय होता है। इसके लिए गूगल एडसेंस सबसे लोकप्रिय आॅप्शन है। बिडवर्टाइजर, टेक्स्ट लिंक एड्स, ब्लॉगएड्स, डायरेक्ट बैनर व आरएसएस फीड भी इसके लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
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