'अयोध्या की वो राजकुमारी जो बनी कोरिया की महारानी'



दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जोंग-सूक अकेले भारत दौरे पर आ रही हैं.

दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने इस ख़बर की पुष्टि की है.

एजेंसी के अनुसार किम जोंग-सूक 6 नवंबर को अयोध्या में दीपावली से पहले हर साल आयोजित होने वाले दीपोत्सव में शामिल होंगी.

16 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब किम जोंग-सूक दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के बिना कोई विदेश यात्रा करेंगी.

चार दिन के भारत दौरे पर किम जोंग-सूक 4 नवंबर को दिल्ली पहुँचेंगी और सोमवार को वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगी.लेकिन इस यात्रा के दौरान किम जोंग-सूक प्राचीन कोरियाई राज्य कारक के संस्थापक राजा किम सू-रो की भारतीय पत्नी, महारानी हौ के स्मारक पर भी जाएंगी.

महारानी हौ का स्मारक अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर स्थित है.



कौन हैं महारानी हौ?

राजकुमार राम और अयोध्या से उनके 14 साल के वनवास की कथा हज़ारों साल से भारतीय किंवदंतियों का हिस्सा रही हैं.

लेकिन बीते दो दशकों में अयोध्या से एक और शाही व्यक्ति के बाहरी दुनिया में जाने की बात लोगों की ज़बान पर चढ़ी हुई है.

कोरिया के इतिहास में कहा गया है कि भारत के अयोध्या (उस वक़्त साकेत) से 2000 साल पहले 'अयोध्या की राजकुमारी' सुरीरत्ना नी हु ह्वांग ओक-अयुता भारत से दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहये शहर गई थीं.

लेकिन राजकुमार राम की तरह ये राजकुमारी कभी अयोध्या वापस नहीं लौटीं.

चीनी भाषा में दर्ज दस्तावेज़ सामगुक युसा में कहा गया है कि ईश्वर ने अयोध्या की राजकुमारी के पिता को स्वप्न में आकर ये निर्देश दिया था कि वो अपनी बेटी को उनके भाई के साथ राजा किम सू-रो से विवाह करने के लिए किमहये शहर भेजें.

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