भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहली बार मुस्लिमबहुल देशों के संगठन 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) की बैठक में बतौर 'गेस्ट ऑफ ऑनर' शामिल हो रही हैं. OIC में भारत की मौजूदगी कूटनीतिक लिहाज से इसलिए भी अहम है क्योंकि पाकिस्तान लगातार भारत को संगठन से बाहर रखने का दबाव बना रहा था.चार महाद्वीपों के 57 देशों वाला यह संगठन करीब 1.5 अरब की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और इसके सदस्य देशों की कुल जीडीपी करीब 7 ट्रिलियन डॉलर है. OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटर गवर्नमेंटल ग्रुप है.
यह संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है. लेकिन इसके बावजूद भारत ना तो OIC का सदस्य है और ना ही इसे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. भारत में भले ही मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं लेकिन कई इस्लामिक देशों की तुलना में भारत में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है.
भारत में 18.3 करोड़ मुसलमान रहते हैं जबकि पाकिस्तान में मुस्लिमों की आबादी 19.5 करोड़ और इंडोनेशिया में 22.2 करोड़ है. OIC में भारत की दावेदारी का ये एक मजबूत आधार भी है.
यह संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है. लेकिन इसके बावजूद भारत ना तो OIC का सदस्य है और ना ही इसे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. भारत में भले ही मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं लेकिन कई इस्लामिक देशों की तुलना में भारत में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है.
भारत में 18.3 करोड़ मुसलमान रहते हैं जबकि पाकिस्तान में मुस्लिमों की आबादी 19.5 करोड़ और इंडोनेशिया में 22.2 करोड़ है. OIC में भारत की दावेदारी का ये एक मजबूत आधार भी है.