पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने सुझाव दिया कि पार्टी प्रमुख के रूप में राहुल गांधी के गांधी परिवार के बाहर से किसी के होने के फैसले को उलट देना होगा।
आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है की , प्रियंका गांधी वाड्रा हिरासत में लिए जाने से पहले शुक्रवार को सोनभद्र पहुंची।
प्राइम टाइम के माध्यम से, भाजपा के कई प्रवक्ताओं ने प्रियंका पर शवों पर राजनीति करने का आरोप लगाया। लेकिन, क्या हम निर्मम राजनीति में विश्वास नहीं करते, जहां परिणाम सबसे ज्यादा मायने रखता है?
राहुल गांधी के साथ ये समस्या रही की राजनीति में ऐसे मुद्दों को चुना था जो लोगों के साथ उन्हें जोड़ नहीं पायी मगर प्रियंका गाँधी ने सोनभद्र की घटना से लोगो से जुड़ने की कोशिश की है !
प्रियंका गांधी वाड्रा का मुकाबला एक अनुभवी नेता नरेंद्र मोदी और हिन्दू संत योगी आदित्यनाथ के साथ है ! कांग्रेस के कई नेता मानते है की सोनिआ और राहुल गाँधी के बाद प्रियंका ही कांग्रेस का नेतृत्व कर सकती है !
सोनभद्र की घटना के बाद कांग्रेस को कोमा से बाहर आने की उम्मीद है !