बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा हरियाणा के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन का चेहरा अब नहीं रहीं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उनके द्वारा किए गए पिछले कुछ ट्वीट्स को इस निर्णय की वजह बताया जा रहा है. अभिनेत्री ने 17 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, "जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है."
बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा हरियाणा के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन का चेहरा अब नहीं रहीं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उनके द्वारा किए गए पिछले कुछ ट्वीट्स को इस निर्णय की वजह बताया जा रहा है. अभिनेत्री ने 17 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, "जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है."