विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय संचार राज्यमंत्री पंडित सुखराम ने बीजेपी का दामन थाम लिया हैं। उनके साथ बेटे व वीरभद्र सरकार में पशुपालन विभाग का जिम्मा संभाले अनिल शर्मा व पोते आश्रय शर्मा भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। दरअसल कुछ समय पहले अनिल शर्मा के बीजेपी में शामिल होने की बात उठी थी पर उन्होंने इसे महज अफवाह करार दिया था। इस के पीछे अहम कारण यह माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेता पंडित सुखराम को पार्टी से पिछले कुछ दिनों से तरजीह नहीं दे रही है। इसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। इसके अलावा सुखराम अपने पोते के लिए भी टिकट चाह रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने कुछ समय पहले बीजेपी के नेताओं के समक्ष पार्टी का दामन थामा।
वीरभद्र से रहा छत्तीस का आंकड़ा
पंडित सुखराम व हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र ¨सह के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। सुखराम 1986 में घर पर सीबीआइ की दबिश में अपनी ही पार्टी के नेताओं का हाथ बताते थे। उन्होंने 1998 में हिविकां का गठन कर चुनाव लड़ा और पांच सीटें जीतीं। 31 सीटें जीतने वाली भाजपा को समर्थन देकर पांच साल तक सरकार चलाई। 2003 के चुनाव से पहले वह फिर कांग्रेस में लौट गए थे। पुराने गिले-शिकवे भुला वह कई बार वीरभद्र ¨सह से मिलने शिमला भी पहुंचे।
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