हम जिन्दा इंसानों को भूख से मरने दे रहे हैं और मूर्तियों को पूज रहे हैं।




खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार तथा अधिक पैदावार के लिए कृषि क्षेत्र में नित नए अनुसंधान के बावजूद भारत में भुखमरी के हालात बदतर होते जा रहे हैं जिसकी वजह से ‘ग्लोबल हंगर इंडैक्स’ में देश 3 पायदान नीचे खिसक गया है। ‘इंटरनैशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीच्यूट (आई.एफ.पी. आर.आई.) के अनुसार एशियाई देशों में भारत की स्थिति बस पाकिस्तान और बंगलादेश से थोड़ी ही बेहतर है। इंडैक्स में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की स्थिति सबसे बुरी है। आई.एफ.पी.आर.आई. के दक्षिण एशिया क्षेत्र के निदेशक पी.के. जोशी ने रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि भारत में कुपोषण के हालात खराब जरूर हैं लेकिन 2022 तक देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार ने जो कार्य योजना बनाई है वह सराहनीय है। इसमें आने वाले वर्षों में देश से कुपोषण खत्म करने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता झलकती है।भुखमरी में भारत 119 देशों में 100 वें स्थान पर पहुंचा....शर्म से सिर झुक जाता है।आईये हम कुछ आंकड़ों पर नज़र डालते है
 
  • गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल मूर्ति का बजट 2979 करोड़ रुपये।
  • महाराष्ट्र में महाराजा छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का बजट 3600 करोड़ रुपये।
  • उत्तरप्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री राम की मूर्ति का बजट 195 करोड़ रुपये।
  • हमारा देश बदल रहा है।

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