शिवराज सिंह चौहान वास्तव में बीजेपी के अभिमानी नायक हैं


विधानसभा चुनाव के हाल में आए नतीजों में भाजपा के हाथ से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों प्रमुख राज्य फिसल चुके हैं ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक ये सवाल कर रहे है की जीत का श्रेय मोदी-शाह लेते हैं, तो हार का ठीकरा भी उन्हीं के माथे आना था मगर भाजपा नेताओं ने कहा- पार्टी की नीतियों की वजह से हुई हार !

इसके विपरीत सबके चहेते शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह बीजेपी की हार का सेहरा अपने सर लिया वो वाकई प्रशंसा और सम्मान के काबिल है ! उनका सरल स्वभाव उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है !

एक बीजेपी सांसद ने कहा है कि भाजपा ने लगभग उन सभी विधानसभा क्षेत्रों को खो दिया जहां किसान परेशान थे. कई नेताओ का ये भी मन न है की शिवराज सिंह चौहान ने “अगड़ी जातियों को परेशान नहीं किया होता” तो पार्टी “आसानी से जीत” जाती. शर्मा ने दावा किया कि इस कारण पार्टी ने कम से कम 15 सीटें खो दीं !

मगर ट्विटर पर कई लोगो ने शिवराज की प्रशंसा करी , कई लोगो का यह मत है की कांग्रेस को सत्‍ता की 'सीढ़ी' तो मिल गई है लेकिन शिवराज को पूरी तरह मात नहीं दे पाए ! उनकी सरलता को मोदी शाह के व्यव्हार से तुलना करते बहुत सारे ट्विटर पोस्ट मिले ! कई लोगो ने  twitter hashtag #shivraj4PM भी चला डाला , मगर  शिवराज सिंह  ने  कहा की मैं केंद्र नहीं जाऊंगा, मैं मध्य प्रदेश में रहूंगा और मध्यप्रदेश में मर जाऊंगा।

शिवराज सिंह की बदौलत ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कड़ी टक्कर मिली  ! यही कारन है मध्‍यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बार टी20 मैच के तरह बेहद रोचक रहे !

दूसरे शब्‍दों में कहें तो मध्‍यप्रदेश के चुनाव परिणामों को शिवराज की 'हार' के बजाय कांग्रेस की 'जीत' कहा जाना उपयुक्‍त होगा !

 







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